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‘गजवा-ए-हिंद’ के लिए असम में सक्रिय Aqis, गृह मंत्रालय ने एनआईए को सौंपी अहम जिम्मेदारी

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– फोटो : अमर उजाला

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असम में भारतीय-उप महाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) और अन्य आतंकी समूहों की बढ़ रहे नेटवर्क और उनके खिलाफ पुलिस की लगातार हो रही कार्रवाई के बाद अब गृह मंत्रालय इसे लेकर सख्त कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रहा है। इस बाबत गृह मंत्रालय ने AQIS के नेटवर्क के खुलासे और उसे नष्ट करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी है। गृह मंत्रालय ने यह कदम, हाल ही में असम के विभिन्न जिलों में इन प्रतिबंधित संगठनों के लोगों द्वारा जिहाद को बढ़ावा देने की हाल की कोशिशों के खुलासे के बाद उठाया है। मामले में एनआईए ने अपनी एफआईआर में बताया है कि AQIS मॉड्यूल असम के विभिन्न जिलों में सक्रिय है। इतना ही नहीं AQIS के बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ संबंध हैं। 

एनआईए कर रही जांच
एनआईए की एफआईआर के मुताबिक, AQIS के मॉड्यूल का उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उनकी भर्ती करना है। इसके अलावा ये आतंकी संगठन भारत में शरिया कानून की स्थापना, भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उनकी मदद से ‘गज़वा-ए-हिंद’ को लागू करने के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने और भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए पूर्वोत्तर के इस जिले में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।    

हाल ही में मदरसों के खिलाफ हुई थी कार्रवाई 
सरकार ने एनआईए से जांच कराने का फैसला तब लिया था जब अगस्त माह में बारपेटा और बोंगाईगांव जिले में भारतीय अधिकारियों ने दो मदरसों को आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनका प्रयोग एक्यूआईएस द्वारा एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के कारण उन्हें नष्ट कर दिया था। जिसके बाद एनआईए ने मूल रूप से असम के गोलपारा जिले के मटिया पुलिस स्टेशन में 20 अगस्त को दर्ज एक मामले के आधार पर जांच शुरू की थी। बाद में गृह मंत्रालय (एमएचए) में काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) से 23 सितंबर को प्राप्त एक आदेश के बाद एनआईए ने मामले की जांच शुरू की। जिसमें एनआईए ने इस साल 26 सितंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121 और 121 ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 18बी, 19 और 20। आरोपों के तहत मामला फिर से दर्ज किया था। जांच के दौराम पता चला था कि भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल-कायदा का एक मॉड्यूल असम के विभिन्न जिलों के साथ-साथ गोलपारा में भी सक्रिय था।
 
2014 में हुई थी स्थापना
2014 में स्थापित प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की एक शाखा AQIS कथित तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है। ये समूह इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है। 
 

विस्तार

असम में भारतीय-उप महाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) और अन्य आतंकी समूहों की बढ़ रहे नेटवर्क और उनके खिलाफ पुलिस की लगातार हो रही कार्रवाई के बाद अब गृह मंत्रालय इसे लेकर सख्त कार्रवाई करने के मूड में नजर आ रहा है। इस बाबत गृह मंत्रालय ने AQIS के नेटवर्क के खुलासे और उसे नष्ट करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी है। गृह मंत्रालय ने यह कदम, हाल ही में असम के विभिन्न जिलों में इन प्रतिबंधित संगठनों के लोगों द्वारा जिहाद को बढ़ावा देने की हाल की कोशिशों के खुलासे के बाद उठाया है। मामले में एनआईए ने अपनी एफआईआर में बताया है कि AQIS मॉड्यूल असम के विभिन्न जिलों में सक्रिय है। इतना ही नहीं AQIS के बांग्लादेश स्थित आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के साथ संबंध हैं। 

एनआईए कर रही जांच

एनआईए की एफआईआर के मुताबिक, AQIS के मॉड्यूल का उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में आतंक का प्रचार करना, समान विचारधारा वाले युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और भारत देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उनकी भर्ती करना है। इसके अलावा ये आतंकी संगठन भारत में शरिया कानून की स्थापना, भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर उनकी मदद से ‘गज़वा-ए-हिंद’ को लागू करने के लिए लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने और भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए पूर्वोत्तर के इस जिले में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।    

हाल ही में मदरसों के खिलाफ हुई थी कार्रवाई 

सरकार ने एनआईए से जांच कराने का फैसला तब लिया था जब अगस्त माह में बारपेटा और बोंगाईगांव जिले में भारतीय अधिकारियों ने दो मदरसों को आंतकी गतिविधियों को बढ़ावा देने और उनका प्रयोग एक्यूआईएस द्वारा एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के कारण उन्हें नष्ट कर दिया था। जिसके बाद एनआईए ने मूल रूप से असम के गोलपारा जिले के मटिया पुलिस स्टेशन में 20 अगस्त को दर्ज एक मामले के आधार पर जांच शुरू की थी। बाद में गृह मंत्रालय (एमएचए) में काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) से 23 सितंबर को प्राप्त एक आदेश के बाद एनआईए ने मामले की जांच शुरू की। जिसमें एनआईए ने इस साल 26 सितंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121 और 121 ए और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18, 18बी, 19 और 20। आरोपों के तहत मामला फिर से दर्ज किया था। जांच के दौराम पता चला था कि भारतीय उपमहाद्वीप (एक्यूआईएस) में अल-कायदा का एक मॉड्यूल असम के विभिन्न जिलों के साथ-साथ गोलपारा में भी सक्रिय था।

 

2014 में हुई थी स्थापना

2014 में स्थापित प्रतिबंधित आतंकी संगठन अल-कायदा की एक शाखा AQIS कथित तौर पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, बर्मा और बांग्लादेश में सक्रिय है। ये समूह इस्लामिक राज्य की स्थापना के लिए जिहाद छेड़ना चाहता है। 

 

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